आजा तेरी नज़र उतार लू ,
ये तेरी उलझी झुलफें संवार लू।
ये ज़िन्दगी कम पड़ जाएगी ,
तुझे इतना मैं प्यार दू।
शायरिया मेरी पहचान बन गयी,
जब से तू मेरी जान बन गयी।
तेरे अज़ीज़ शौक को अपना लिया ,
देख खुद को मैंने शायर बना लिया।
जिन पलों का इंतज़ार था वो आ गए,
आखिर तुम मेरी बाहों में समा गए।
अब ज़िन्दगी में नहीं रहा कोई गम है,
बस ख़ुशी से मेरी आँखे नम है।
आखिर तुम मेरी बाहों में समा गए।
अब ज़िन्दगी में नहीं रहा कोई गम है,
बस ख़ुशी से मेरी आँखे नम है।

अल्फाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता है,
यहाँ पर पानी को प्यास लिखा जाता है,
मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरी कलम भी,
प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है।
यहाँ पर पानी को प्यास लिखा जाता है,
मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरी कलम भी,
प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है।